मैं आमंत्रित करता हूं उनको जो मुझको बेटा कहते हैं,
पोता या परपोता कहते हैं,
चाचा या तईयों को भी,
जो कूछ मैंने किया उसे वे जांचे परखे-
उसको मैंने शब्दों में रख दिया सामने-
क्या मैंने आपने बुजुर्गवारों के वारिस नुफ्ते को
शर्मिंदा या बर्बाद किया है?
जिन्हें मृत्यु ने दृष्टी पारदर्शी दे रखी
वे हीं जांच परख कर सकते
अधिकारी मैं नहीं
कि अपने पर निर्णय दूं,
लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं
बच्चन
Thursday, October 23, 2008
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